भारत में एक बड़े उत्साह के दिवाली मनाए जाति है। यह त्यौहार खुशीओ से धूम धाम से मनाए जाति है। यह त्यौहार पर फटाके फोडे जाते और पांच दिन तक रंगोली की जाती है। हम लोग हर साल दिवाली मनाते है लेकिन हमे पता नही लगता हम क्यू दिवाली मनाए जाति है। किस क्था के अनुसार दिवाली मनाए जाति है। ये सभी बातों का यह उतर दिए गए हैं। दिवाली के शायरी ज़रूर पढ़ें और दोस्तो के साथ ज़रूर शेर करे। आपको किसी न किसी व्यक्ति को गिफ्ट देते हो इसलिए यहां 50 से ज्यादा अनोखा विचार दिए गए हैं। आप जरुर पढ़े और मेरे तरफ़ से आपको और आके परिवार को दिवाली हार्दिक सुभकामनाए।
यह त्यौहार भारत में धूम धाम से मनाए जाते है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। दिवाली हिन्दूओ का प्रसिद्ध त्यौहार है। इस त्यौहार को दुसरे धर्म के भी धूम धाम से मनाए जाते है।
दिवाली कैसे मनाएं दिवाली हिंदू कैलेंडर में सबसे रोमांचक और अनोखा त्योहार है। दिवाली उन कुछ अवसरों में से एक है जब सभी परिवार के सदस्य मनाए जाता हैं।
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2022 में दिवाली कब है और किस तारीख को है ??
हम दो सालो से कोरोना वायरस के कारण नहीं मनाए सके ताकि हम लोग सुरक्षित रह सके इसलिए यह वर्ष में 24 अक्टूबर 2022 को सोमवार के दिन दिवाली मनाए जायेगी।
दिवाली पर निबंध हिंदी में
दिवाली के दिन, बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा पर विजय प्राप्त होता है।
यह त्यौहार भारत में धूम धाम से मनाए जाते है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। दिवाली हिन्दूओ का प्रसिद्ध त्यौहार है। इस त्यौहार को दुसरे धर्म के लोग भी धूम धाम से मनाए जाते है।
दीपावली का अर्थ दीपो की माला होता है।
जैन समुदाय धर्म के लोग दीपावली त्यौहार नए साल की तरह मनाए जाते है।
सिख धर्म के लोग अपने गुरु हरिगोविंद की रिहाई पर दीपावली मानिए जाति है।
भारत देश में केरल राज्य में दिवाली नही मनाए जाती है।
दिवाली का मुख्य कारण भगवान राम अपनी पत्नी सीता एवम अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या लोटे थे। उनके स्वागत में अयोध्या वासियों से दिए जलाए कर प्रकाश उत्सव मनाए गया था। इसी कारण यह त्यौहार को प्रकाश रुप में मनाए जाता है।
दिवाली और दीपावली दोनों एक ही त्यौहार है। इस दिनों में सभी लोग दिए जलाते और फटाके फोड़ते है खुशियां मनाई जाती है।
यह त्यौहार 5 दिनों के लिए मनाए जाते है। पहले दिन धन तेरस दुसरे दिन छोटी दिवाली तीसरे दिन लक्ष्मी पूजा चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचमें दिन व्याधुत मनाए जाता है। धन तेरस के सभी लोग बाजार में सोना खरीदने के लिए जाते है। इस दिन को सोना खरीदने से शुभ माना जाता है।
इस त्यौहार को करोड़ों लोगों मनाए जाते है। यह त्यौहार अमेरिका, नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया, दुबई, भारत, वगेरे.. देशों मनाए जाते है।
भारत के पूर्व क्षेत्र ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हिन्दू लक्ष्मी के जगह माता काली की पूजा अर्चना होती है। इस त्यौहार को काली पूजा कहते है।
इस त्यौहार में लोग धन की पूजा की जाती है। लक्ष्मी के साथ भक्त बधाओ को दूर करने प्रतीक गणेश, संगीत, साहित्य, सरस्वती की पूजा करते हैं।
इस दिन लोग बुरी आदत को छोड़कर अच्छी आदत को अपनाते हैं। इस दिन भारत के साथ दुसरे 12 देशी में राष्टीय छुटिया होती है।
दिवाली क्यों मनाई जाती है ऐसी सच कहनिया
दक्षिण भारत कही जगह पर मरकासुर के वध के कारण मनाए दिवाली मनाए जाते है। मरकासूर एक राक्षस था। जिसने इंद्र की माता का ताज को चुराया था। इंद्र परेशान होकर श्री कृष्ण के पास जाते है और उनको इस समस्या से छुटकारा मिलने की प्रार्थना करते हैं। श्री कृष्ण और सत्यब्रह्मा मिलकर स्वर्ग में जाते है। यह मरकासुर का वध करने के लिए तैयार रहते हैं। तभी उनको पता चलता है की मरकासुर वरदान मिला है। मरकासूर को सिर्फ उनकी माता के द्वारा ही मारा जाता है। तभी श्री कृष्ण को मालूम हुआ कि सत्यब्रह्मा मरकासुर की माँ थी। सत्यब्रह्मा के हाथो से मरकासुर की मृत्यु होती है। श्री कृष्ण खोया हुआ ताज वापस इंद्र को दे रही है।
इसलिए दक्षिण भारत बुराई पर अच्छाई की जीत पर दीपावली मानिए जाति है।
भारत देश के बहोत बड़े हिस्से में दिवाली को मनाने के कारण श्री राम की अयोध्या में वापशी है। 14 वर्ष तक वनवास और रावण का वध करके श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण वापस अयोध्या पॉचते है। उनके लोटने पर पूरे अयोध्या खुशी भरा माहौल बन जाता है और पुरे अयोध्या को सजाए जाते हैं।
इसी दिन से दिए जलाए कर दिवाली मनाए की प्रथा सुरु हुई है।
महाभारत के अनुसार पांडव सेना 12 वर्ष के बाद हस्तिनापुर लोटे थे। इस दिन को दिवाली कहा जाता है। हस्तिनापुर के लोगो ने पांडव के लोटने पर हस्तिनापुर को सजावट किया था। दिए जलाए और पुरे शहर को उजावल किया था।ऐसा कहा जाता है की एक राजा था और उनका एक बेटा था। जिसके लिए अपनी सादी के एक बाद मारा जाएगा। राजा आपनी बेटी की सादी कर देते है और उनकी पत्नी को सादी के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
राजा की जान बचाने के लिए सोच विचार करने लगती है। जब रात के समय यमराज राजा को लेने के लिए आते है तब उनकी पत्नी पूरे घर को दिए से सजावट कर देती है। राजा की पत्नी अपना पुरा सोना घर के बाहर रख देती है। यमराज राजा को लेने लिए साप के रूप में आते है। साप को सोने और दिए के कारण दिखना बंद हो जता है। वह राजा को लिए बिना वापस लोट जाते है। ऐसे राजा की पत्नी राजा की जान बचाने में सक्षम हो जाति है। वह यमराज को रोकने के लिए एक दिए जलाती है। जिसे यमादिपक से जाना जाता है।
यमी और यमा जुड़वा भाई बहन थी। एक दुसरे से बहोत करीब थी। आदिती यमी और यमा की मां थी उनको सूर्य की गरमीनही लगती थी। इस कारण अपने बच्चो के लिए छाया का निर्माण करती थी। इस बारे में सूर्य देव को पता नहीं था। एक दिन मतभेद के कारण छाया श्राप देती और यमा की मृत्यू हो जाति है। यमा धरती पर ऐसी पहेली वयक्ति थी जिनकी मृत्यु हुई थी। वह मृत्यू के बाद भगवान में बदल गई थे। हर साल यमा अपनी बहन मिलने आती है। इसी प्रथा के कारण दिवाली पर भाई बहन त्यौहार मनाए जाते है।
दिवाली को कैसे मनाए जाता है। दिवाली मनाने का महत्व क्या हैं
दिवाली रोशनी के त्योहार को मनाने के उद्देश्य से एक साथ आते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ दीपों की एक पंक्ति के रूप में होता है, इसे मनाया जाता है। प्रकाश के त्योहार के रूप में कई रोमांचक गतिविधियाँ इस त्योहार का हिस्सा बनती हैं, जो बच्चों और वयस्कों को समान रूप से उत्साहित करती हैं, वास्तव में दिवाली हिंदू परिवारों के लिए सबसे भारी बजट का त्योहार है।
रोशनी के त्योहार को मनाने के उद्देश्य से एक साथ आते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ दीपों की एक पंक्ति के रूप में होता है, इसे मनाया जाता है। इस त्योहार के रूप में कई रोमांचक गतिविधियाँ इस त्योहार का हिस्सा बनती हैं, जो बच्चों और सभी लोगों को समान रूप से उत्साहित करती हैं, वास्तव में दिवाली हिंदू परिवारों के लिए सबसे भारी बजट का त्योहार है।
यह त्यौहार आने से पहले घर के माता-पिता ने नए कपड़े की व्यवस्थाकी की जाती हैं। सभी परिवार के सदस्यों के लिए नए कपड़े खरीदते हैं, घरों को साफ किया जाता है और अक्सर कई घरों में नए रंगों से सजाए जाता है, लोग मिठाइयों और नमकीन की एक सूची तैयार करते हैं। इस त्योहार में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को मिठाइयों वितरित किए जाता हैं।
इस उत्सव की शुरुआत से पहले अच्छी तरह से हर गाँव और शहर में पटाखों और मिठाइयों की दुकानों पर एक लंबी लाइन खुलती है। उनमें से अधिकांश आकर्षक विज्ञापन प्रदर्शित करती हैं, जिसमें छूट बिक्री की घोषणा की जाती है, अभिनव पटाखे बाजार में इन दिनों बड़ी संख्या में नवीन पटाखे डाले जा रहे हैं। बजट के आधार पर परिवार अपने बच्चो के लिए पटाखों को खरीदते है।
सुबह बहुत जल्दी परिवार के सदस्य जागते और स्नान किया जाता है। गंगा के अपवित्र स्नान को मां गंगा द्वारा पवित्र किया जाता है, शायद यह सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान जुड़ा हुआ है। यह त्योहार के साथ अनिवार्य रूप से यह एक तेल स्नान है अक्सर पैकेट में बेचा जाता है। गंगा जल को घावों पर स्नान के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी के साथ मिलाया जाता है देवी लक्ष्मी पवित्र स्नान के बाद वेदी को शानदार सजावट के साथ तैयार किया जाता है।
जोअक्सर दीयों और उत्सवों की फूलों की रेखा से सजी होती है। मुख्य देवता देवी लक्ष्मी हैं, जो धन, स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की दाता हैं पूजा के नए कपड़े मिठाई और पटाखे पूजा समारोह के लिए वेदी के सामने खड़े होते हैं। पूजा के बाद
कपड़े वयस्कों को वितरित किए जाते हैं और बच्चे नए कपड़े पहनते हैं मिठाई और नमकीन के व्यंजनों का आनंद लेते
हैं और कार्यक्रम के शीर्ष आकर्षण के साथ आगे बढ़ते हैं। इसके बाद पटाखे चलाने वाले बच्चे अपने दादा-दादी और रिश्तेदारों के बीच अन्य बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जाते हैं,आमतौर पर बड़े लोग बच्चों को कुछ पैसे उपहार में देते हैं।
दिवाली पर संदेशं लेखन
दिवाली का वैभव देखने के लिए आपके जीवन को रोशन करे। आप अपने परिवार के साथ आशीर्वाद बनाए रखें और इस अवसर को देवत्व के साथ मनाएं। पटाखों के साथ मज़े करें और हर समय और लंबे समय तक धन्य रहें। इस दिवाली मेरे प्यारे आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
दिवाली की रंगोली क्यों मनाए जाती हैं
दिवाली पर रंगोली बनना एक शुभ कार्य माना जाता है। हर घरों में रंगोली बनाए जाति है। हर घर के मुख्य द्वार पर के आगे तरह तरह की रांगोली बनाए जाती है। रंगोली बनाने ने से माता लक्ष्मी का आगमन होता है ऐसा मनाए जाता है। यह त्यौहार पर लोग जोर शोर से रंगोली बनाते हैं। राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण तीनों वनवास पुरा कर आए थे। उनके खुशी में रांगोली और दिए जलाई ने की प्रथा सुरु हो गई है।
दिवाली शायरी 2021
“लैम्पलाइट हर पल आपके जीवन में नई रोशनी लाए, बस इस दिवाली की कामना करें।” दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
रौशनी का आपका यह शुभ त्योहार, खुशियों की चमक, समृद्धि और खुशियाँ आपके जीवन और आपके घर को रोशन करे
आपके खास दिन के हर पल के लिए आपको स्माइल भेजना। एक अद्भुत समय और एक बहुत खुश दीपावली.
दिए की रोशनी आपको दिशा दे जीवन में खुशी और खुशी! ” आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
भगवान आपका भला करे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
झिलमिलाते लालटेन की चमक आपके जीवन में हमेशा बनी रहे और आपको उज्ज्वल बनाए
यह दीवाली नहीं है, यह प्यार गहरा है कि हमारे दिलों में प्रकाश है, तो विश्वास जल गया! दीपावली की शुभकामनाएं.
यह दीवाली नहीं है, यह प्यार गहरा है कि हमारे दिलों में प्रकाश है, तो विश्वास जल गया! दीपावली की शुभकामनाएं.
हर मोमबत्ती तुम जलाओ; हर दीया यू ग्लो करे; आपके जीवन में बहुत सारी समृद्धि, स्वास्थ्य और धन लाता है। आपको एक बहुत समृद्ध दिवाली की शुभकामनाएं
आपकी आत्म-छवि का आंतरिक प्रकाश दिवाली की इस मोमबत्ती की तरह उज्ज्वल हो। आपको दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
आप इस खूबसूरत लैंप की तरह खास और चमकदार हैं। आप जहां भी जाएं, अपनी चमक बिखेरें, आपको दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
खुशियाँ हवा में हैं, हर जगह दीवाली है, आइए कुछ प्यार और देखभाल दिखाएँ और सभी को शुभकामनाएँ दें!
मैं कामना करता हूं कि दीवाली की तेज रोशनी आपको इस जीवन में परीक्षणों की हर लकीर से बाहर निकालने के लिए मार्गदर्शन करे। दीपावली की शुभकामनाएं.
इस दिवाली मैं कामना करता हूं कि आपके सभी सपने सच हों और ईश्वर आपके जीवन को खुशियों से भर दे। और अपनी दिवाली बनाओ सबसे यादगार दीपावली हैप्पी दीपावली.
खुशी हवा में है। आज की रात में कुछ खास है। आओ मिलकर सेलिब्रेट करें। आपको दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
बचपन की मीठी यादों से भरा त्योहार, आतिशबाजी से भरा आसमान, मिठाइयों से भरा मुंह, दीयों से भरा घर और खुशियों से भरा दिल दिवाली की शुभकामनाएं.
चमक की तरह चमकें, मोमबत्तियों की तरह चमकें और सभी नकारात्मकता को क्रैकल की तरह जलाएं। आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
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