एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में रहने से आपकी उम्र 12 साल कम हो सकती है।
शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) की एक हालिया रिपोर्ट में भारत के दिल्ली के निवासियों के लिए एक चिंताजनक स्वास्थ्य जोखिम का खुलासा किया गया है। अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण के गंभीर स्तरों के कारण दिल्ली में रहने से किसी व्यक्ति की आयु 12 वर्ष तक कम हो सकती है।
दिल्ली लगातार दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है, इसकी वायु गुणवत्ता अक्सर खतरनाक स्तर तक पहुँच जाती है, खासकर सर्दियों के महीनों के दौरान जब वाहनों के उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियों और फसल जलाने से होने वाला धुआँ शहर को ढक लेता है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि यदि प्रदूषण का वर्तमान स्तर बना रहता है तो दिल्ली के निवासियों की औसत जीवन प्रत्याशा काफी कम हो सकती है।
जीवन प्रत्याशा में इस गिरावट में योगदान देने वाले प्राथमिक प्रदूषकों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ 2) शामिल हैं, जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों से जोड़ा गया है। ईपीआईसी के निष्कर्ष एक व्यापक विश्लेषण का हिस्सा हैं जो बताता है कि वायु प्रदूषण वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, खासकर दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में। अध्ययन में जनसंख्या के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव को कम करने के लिए अधिक मजबूत प्रदूषण नियंत्रण उपायों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।